Love

Marriage

Finance

Education

Career

Personal

Transit

कामाख्या मन्दिर

कामाख्या मन्दिर

कामाख्या मन्दिर: अद्वितीय आध्यात्मिकता और रहस्यमयता का प्रतीक

कामाख्या मन्दिर, असम के गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित है। यह मन्दिर देवी कामाख्या को समर्पित है और इसे शक्ति पीठों में एक प्रमुख स्थान प्राप्त है। कामाख्या मन्दिर की स्थापत्य कला, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इसे भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक अद्वितीय प्रतीक बनाती है। यहां पर देवी के योनि-कुण्ड की पूजा की जाती है, जो इस मन्दिर को अद्वितीय और रहस्यमय बनाता है।

कामाख्या मन्दिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

कामाख्या मन्दिर का इतिहास बहुत पुराना और रहस्यमय है। यह मन्दिर लगभग 8वीं शताब्दी में बनाया गया था और तब से लेकर आज तक यह अनेक उतार-चढ़ावों का साक्षी रहा है। इस मन्दिर का निर्माण कामदेव ने किया था, जिन्होंने इस स्थान पर देवी शक्ति के योनि-कुण्ड की खोज की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मन्दिर उस स्थान पर स्थित है जहाँ देवी सती का योनि-कुण्ड गिरा था जब भगवान शिव उनका मृत शरीर लेकर तांडव कर रहे थे।

कामाख्या मन्दिर न केवल शक्ति की देवी का निवास स्थान है, बल्कि यह तांत्रिक साधना का भी महत्वपूर्ण केन्द्र है। यह मन्दिर उन तांत्रिकों के लिए प्रमुख स्थान है जो देवी शक्ति की साधना करना चाहते हैं। यहां पर तांत्रिक विधाओं का अभ्यास और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिससे यह स्थान तंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है।

कामाख्या मन्दिर की स्थापत्य कला

कामाख्या मन्दिर की स्थापत्य कला अपने आप में अद्वितीय है। इस मन्दिर का निर्माण नीलाचल शैली में किया गया है, जो असम की प्राचीन वास्तुकला का एक प्रमुख उदाहरण है। मन्दिर का प्रमुख भाग ‘गरभगृह’ है, जहाँ पर देवी के योनि-कुण्ड की पूजा होती है। इस गरभगृह के ऊपर एक बड़ा गुंबद है, जो इसे एक विशेष पहचान देता है। मन्दिर के बाहरी हिस्से में पत्थरों पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ उकेरी गई हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं।

मन्दिर के चारों ओर एक विशाल प्रांगण है, जहाँ पर भक्तजन अपनी आराधना करते हैं। मन्दिर के पास ही एक पवित्र जलाशय भी है, जिसे ‘कलिका कुंड’ कहा जाता है। इस जलाशय का जल अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है।

अम्बुवाची मेला: कामाख्या मन्दिर का प्रमुख उत्सव

कामाख्या मन्दिर का सबसे प्रमुख उत्सव ‘अम्बुवाची मेला’ है, जो हर साल जून के महीने में आयोजित किया जाता है। यह मेला देवी कामाख्या के मासिक धर्म के समय को चिन्हित करता है और इसे देवी की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान मन्दिर के मुख्य द्वार को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है और देवी की विशेष पूजा की जाती है। चौथे दिन, मन्दिर के द्वार फिर से खुलते हैं और भक्तजन देवी के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं।

अम्बुवाची मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मेले में दूर-दूर से साधु-संत, तांत्रिक, और भक्तजन आते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। यह मेला तंत्र साधना का एक प्रमुख केन्द्र भी है, जहाँ पर तांत्रिक अपनी साधना और अनुष्ठान करते हैं।

कामाख्या मन्दिर की रहस्यमयता

कामाख्या मन्दिर की रहस्यमयता इसे अन्य मन्दिरों से अलग बनाती है। इस मन्दिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि यहाँ पर केवल योनि-कुण्ड की पूजा होती है। यह योनि-कुण्ड एक पत्थर के रूप में है, जिसमें से जल का प्रवाह होता है। यह जल प्रवाह देवी के मासिक धर्म के समय लाल रंग में बदल जाता है, जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।

मन्दिर की यह अद्वितीयता इसे तांत्रिक साधना का प्रमुख केन्द्र बनाती है। यहाँ पर देवी की साधना करने वाले तांत्रिक और साधक अपनी शक्तियों को जागृत करते हैं और देवी की कृपा प्राप्त करते हैं। यह मन्दिर उन लोगों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है जो तंत्र साधना के रहस्यों को जानने और अनुभव करने के इच्छुक हैं।

कामाख्या मन्दिर की यात्रा

कामाख्या मन्दिर की यात्रा करना एक अत्यंत अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव है। मन्दिर तक पहुँचने के लिए गुवाहाटी से नीलांचल पहाड़ियों पर चढ़ना पड़ता है, जहाँ से एक सुंदर और रमणीय दृश्य देखने को मिलता है। मन्दिर के चारों ओर हरे-भरे जंगल और शांत वातावरण व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

मन्दिर में प्रवेश करने से पहले भक्तजन मन्दिर के पास स्थित पवित्र जलाशय में स्नान करते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं। मन्दिर के भीतर प्रवेश करने पर भक्तजन देवी के योनि-कुण्ड की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। यहाँ पर आने वाले भक्तजन अपनी समस्याओं और कठिनाइयों से मुक्ति पाने के लिए देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कामाख्या मन्दिर की यात्रा व्यक्ति को आध्यात्मिकता, शांति, और दिव्यता का अनुभव कराती है। यह मन्दिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, तांत्रिक साधना, और आध्यात्मिकता का एक प्रमुख केन्द्र भी है। यहां की दिव्यता और शांति व्यक्ति को जीवन के रहस्यों को समझने और आत्मा की शुद्धता की दिशा में प्रेरित करती है। कामाख्या मन्दिर की यह अद्वितीयता इसे भारतीय मन्दिरों में एक विशेष स्थान प्रदान करती है और यह सदा ही भक्तों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहेगा।

CLICK HERE TO BOOK ONLINE MAA KAMAKHYA PUJA

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart